यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय से मंगलवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रूसी हमलों ने यूक्रेन के पूरे ऊर्जा ढांचे का लगभग 40% गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त या खत्म कर चुकी है. युद्ध से प्रभावित खेरसॉन शहर में अस्पताल और क्लीनिक काम नहीं कर रहे हैं। यहां के लोग खाद्य आपूर्ति संकट का भी सामना कर रहे हैं।
Russia-Ukraine War:
रूस ने अक्टूबर की शुरुआत से यूक्रेन पर अपने मिसाइल और ड्रोन हमलों को तेज कर दिया है, जिससे पूरे देश में ब्लैकआउट हो रहा है और ऊर्जा संकटको बढ़ावा मिल रहा है. रूसी सेना पहले ही यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे को लगभग 40 प्रतिशत क्षतिग्रस्त या खत्म कर चुकी है. 22 अक्टूबर को पूरे यूक्रेन में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर रूसी हमलों ने 1.4 मिलियन से अधिक यूक्रेनी घरों की बिजली काट दी थी.यूक्रेन की विद्युत उपयोगिता, उक्रेनेर्गो ने पिछले महीने चेतावनी दी थी कि युद्ध के पिछले आठ महीनों की तुलना में 10 अक्टूबर को रूसी वृद्धि शुरू होने के बाद से देश की ऊर्जा प्रणाली पर अधिक हमले हुए हैं।
30 लाख निवासियों को निकालने की योजना:
सोमवार को महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को गंभीर रूसी मिसाइल हमलों ने कीव में 80% उपभोक्ताओं को पानी के बिना और 350,000 घरों में बिजली के बिना छोड़ दिया.अगर यूक्रेनी राजधानी कीव (Kiev) पूरी तरह से ब्लैकआउट (Blackouts) हो जाती है, तो अधिकारियों ने वहां के 30 लाख निवासियों को निकालने की योजना बनाना शुरू कर दिया है क्योंकि कीव में कर्मचारी आपातकालीन ब्लैकआउट (Emergency Blackouts) पर विचार कर रहे हैं.
पुतिन का अल्टीमेटम:
रूस ने यूक्रेन पर हमले पहले से कहीं और तेज कर दिए हैं। यूक्रेन भी लगातार रूस के हमलों का जवाब दे रहा है। इस बीच, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने शुक्रवार (4 नवंबर) को कहा था कि दक्षिणी यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले खेरसॉन (kherson) से नागरिकों को फौरन निकाला जाए. दरअसल, फरवरी में खेरसॉन के दक्षिणी हिस्से पर रूस ने कब्जा कर लिया था.
मकानों को खाली करा रहे:
खेरसॉन निवासी ने समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस (AP) को बताया कि रूसी सैनिक खाली अपार्टमेंट में घुस रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूसी सैन्य कर्मी घर-घर जा रहे हैं। यहां रह रहे लोगों को तुरंत घर छोड़ने के लिए मजबूर और इस पर वह कब्जा कर रहे हैं।